Thursday, December 13, 2018

Woh baat kaha

तारे भी आये है और रात भी जवान है

पर चाँद के बिना वो बात कहा


हँसी भी है और हसीना भी 

पर तेरे बिना वो बात कहा 


मदिरा भी हैं मधुशाला मैं हम

पर यार बिना वो बात कहा 


तकिया भी है और रजाई भी

पर तेरे सीने से लपटने की वो बात कहा


ख़ुशी तोह है और मुस्कान भी

पर तेरे बिना उसकी बात कहा?

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