तारे भी आये है और रात भी जवान है
पर चाँद के बिना वो बात कहा
हँसी भी है और हसीना भी
पर तेरे बिना वो बात कहा
मदिरा भी हैं मधुशाला मैं हम
पर यार बिना वो बात कहा
तकिया भी है और रजाई भी
पर तेरे सीने से लपटने की वो बात कहा
ख़ुशी तोह है और मुस्कान भी
पर तेरे बिना उसकी बात कहा?
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