Monday, November 5, 2018

कहनी

तू वो संदूक, जिसकी मैं पुरानी चाबी
मैं वो किताब, जिसे छोड़ी तूने आधी खाली

मैं कलाम की एक लकीर हूँ, पर मेरा पन्ना तू नही
तू एक नई भर्ती किताब हैं, जसिमें ज़िक्र मेरा कही नही।

No comments:

Post a Comment